एनआईटी उत्तराखंड के अस्थायी परिसर के विस्तार का रास्ता साफ

आखिरकार चार माह बाद एनआईटी (राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान) उत्तराखंड के अस्थायी परिसर के विस्तार का रास्ता साफ हो गया है। संस्थान के अस्थायी परिसर का विस्तार आईटीआई और रेशम फार्म की भूमि पर होना है। शासन ने यह भूमि तकनीकी शिक्षा विभाग को हस्तांतरित कर दी है। तकनीकी शिक्षा विभाग के माध्यम से यह भूमि एनआईटी को हस्तांतरित होगी। सूत्रों के अनुसार, शासन की ओर से उक्त भूमि का स्थायी हस्तांतरण न होने की वजह से निर्माण कार्य अटका हुआ है। 


 

 वर्तमान में एनआईटी उत्तराखंड का अस्थायी परिसर श्रीनगर में पॉलीटेक्निक व आईटीआई और एनआईटी जयपुर मेें बनाए गए सेटेलाइट परिसर में संचालित हो रहा है। स्थायी परिसर सुमाड़ी में बनना है। गत वर्ष अक्तूबर माह में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत व एचआरडी मंत्री डा. रमेश पोखरियाल निशंक इसका शिलान्यास कर चुके हैं।

इस दौरान सरकार ने घोषणा की थी कि जब तक स्थायी परिसर का निर्माण होता है, तब तक अस्थायी परिसर का विस्तार रेशम विभाग और आईटीआई की खाली भूमि में किया जाएगा, लेकिन जमीन हस्तांतरित नहीं हो पाई। इसके चलते अभी यहां निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाया। शासन ने 17 फरवरी को रेशम विभाग और आईटीआई की भूमि को तकनीकी शिक्षा विभाग को हस्तांतरित करने का आदेश जारी कर दिए हैं। 

सरकार की हो चुकी है किरकिरी

एनआईटी उत्तराखंड के स्थायी परिसर के निर्माण और सुविधाओं के मामले में प्रदेश और केंद्र सरकार की काफी किरकिरी हो चुकी है। इस मामले में एनआईटी के एक पूर्व छात्र ने नैनीताल उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर की है। गत 12 फरवरी को न्यायालय ने केंद्र सरकार से इस संबंध में एक हफ्ते में जवाब देने के आदेश दिए थे। कोर्ट ने स्थायी कैंपस की स्थापना और छात्रों को मूलभूत सुविधाओं के संबंध में सवाल पूछे हैं। मामले में बृहस्पतिवार (20 फरवरी) को सुनवाई होनी है। माना जा रहा है कि कोर्ट के आदेश के बाद शासन में यह तेजी आई है।